यह दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो लिरिक्स
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दोस्तों एक बहुत ही प्यारी ग़ज़ल "वो कागज की कश्ती" की lyrics लेकर आया हु यह गजल आज फ़िल्म की है जिसे जगजीत सिंह जी ने गाया है व इस गजल को सुदर्शन फ़ाकिर ने लिखा है।
Ghazal Name: Woh Kagaz Ki Kashti
Singer: Jagjit Singh
Film: Aaj
Lyrics: Sudarshan Faakir
यह दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो लिरिक्स
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लोभले छीन लो मुझसे मेरी जवानीमगर मुझको लौटा दो बचपन का सावनवो काग़ज़ कि कश्ती वो बारिश का पानीमुहल्ले की सबसे निशानी पुरानीवो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानीवो नानी की बातों में परियों का डेरावो चेहरे की झुर्रियों में सदियों का फेराभुलाये नहीं भूल सकता है कोईवो छोटी सी रातें वो लंबी कहानीकड़ी धूप में अपने घरसे निकलनावो चिड़िया, वो बुलबुल वो तितली पकड़नावो गुड़िया की शादी में लड़ना झगड़नावो झूलों से गिरना, वो गिर के संभलनावो पितल के छल्लों के प्यारे से तोहफेवो टूटी हुई चूड़ियों की निशानीकभी रेत के उँचे टिलों पे जानाघरौंदे बनाना बनाकर मिटानावो मासूम चाहत की तस्वीर अपनीवो ख्वाबों खिलौनों की जागीर अपनीना दुनिया का गम था ना रिश्तों के बंधनबड़ी खुबसूरत थी वो ज़िंदगानी