Pelo Naam Lejo Sundala Ganpat Dev Ro Song Lyrics - पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो

हैल्लो दोस्तो आपका मेरे ब्लॉग पर फिर से हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आप सभी के प्यार की बदौलत यह ब्लॉग कम समय मे बहुत अच्छी ग्रोउथ कर रहा है। यह सब आप सब दोस्तों की वजह से ही सम्भव हुआ है और आप सब यूँही अपना प्यार बनाये रखे और जो पोस्ट आपको पसंद आये वो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। तो दोस्तों आज में लेकर आया हु एक राजस्थानी लोकगीत पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो जो होली के अवसर पर राजस्थान में सबसे ज्यादा गाया जाता है। और यह गीत चंग वाद्य यंत्र के साथ गाने का मज़ा ही कुछ और है। अगर आप राजस्थान से हो तो इस बात को बखूबी जानते होंगे। कि यह गीत जैसे ही चंग पर गाया जाता है पैर अपने आप थिरकने शुरू हो जाते है।


पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो


Pelo Naam Lejo Sundala Ganpat Dev Ro


पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो

पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो(background)


अरे दूजो नाम लेजो रे, भवानी माता रो

बेल आवे लो

अरे दूजो नाम लेजो रे, भवानी माता रो

बेल आवे लो (background)


वारी रे बेल आवे लो, भवानी माता उत्तर दे ला ओ

बेल आवे लो

वारी रे बेल आवे लो, भवानी माता उत्तर दे ला ओ

बेल आवे लो (background)


पीले आगे चौतरो हनुमान गोडी ढाली ओ

पीले आगे चौतरो हनुमान गोडी ढाली ओ(background)

अरे उटते हनुमान बाबो हांक मारे रे, जटाधारी ने

अरे उटते हनुमान बाबो हांक मारे रे, जटाधारी ने(background)


अरे वारी रे जटाधारी ने हनुमान थारो परचो  भारी ओ

के जटाधारी ने 

अरे वारी रे जटाधारी ने हनुमान थारो परचो  भारी ओ

के जटाधारी ने (background)


अरे मोटर में भरिजे भाटो किये गाव जावे ओ

अरे मोटर में भरिजे भाटो किये गाव जावे ओ(background)

अरे चितर वाली रे चिनो तो उन गांव जावे ओ

सती माता रे

अरे चितर वाली रे चिनो तो उन गांव जावे ओ

सती माता रे (background)


अरे वारी रे सती माता रे, दुनिया तो दर्शन ने आवे ओ

सती माता रे 

अरे वारी रे सती माता रे, दुनिया तो दर्शन ने आवे ओ

सती माता रे (background)


अरे केसरिये पोते रो अमल राते माते गलियो ओ

अरे केसरिये पोते रो अमल राते माते गलियो ओ(background)

अरे भवरजी रो मालियो,जोधोणे छपियो ओ

छिपो खोडिलो ओ

अरे भवरजी रो मालियो,जोधोणे छपियो ओ

छिपो खोडिलो ओ (background)


अरे वारी रे छिपो खोडिलो रे मोर ने पपीयों मांदे ओ

छिपो खोडिलो ओ

अरे वारी रे छिपो खोडिलो रे मोर ने पपीयों मांदे ओ

छिपो खोडिलो ओ (background)


अरे घर रो वेरो खारसियो वैशाली पुर डोरो रे

अरे घर रो वेरो खारसियो वैशाली पुर डोरो रे(background)

अरे डबकूड़ी मत बोन्दो म्हरो सायब भोलो रे

अबके नी वावो

अरे डबकूड़ी मत बोन्दो म्हरो परणियो भोलो रे

अबके नी वावो (background)


अरे वारी रे अबके नी वावो, खाटूई री हिरी भेला रेने ओ

अबके नी वावो

अरे वारी रे अबके नी वावो, खाटूई री हिरी भेला रेने ओ

अबके नी वावो (background)


अरे भावज म्हरी बाड़े में आंबो वायो रे

अरे भावज म्हरी बाड़े में आंबो वायो रे (background)

देवर म्हरो हुनो नखरालो देखा ने आयो ओ

आंबो फलियो दे

देवर म्हरो हुनो खोडिलो देखा ने आयो ओ

आंबो फलियो दे (background)


अरे वारी रे आंबो फलियो नी, घोणि रो तेल आंबे पीदो रे

आंबो फलियो दे

अरे वारी रे आंबो फलियो नी, घोणि रो तेल आंबे पीदो रे

आंबो फलियो दे (background)


अरे मोटर में बैठो रो बाबू, आभै माते तावडियो

अरे मोटर में बैठो रो बाबू, आभै माते तावडियो(background)

अरे कोटा में कमायो थोने कीकर आवडियो 

हालो जोधोणे

अरे कोटा में कमायो थोने कीकर आवडियो 

हालो जोधोणे (background)


अरे वारी रे हालो जोधोणे, राइको बाग फुलड़ा थारा ओ

अरे वारी रे हालो जोधोणे, राइको बाग फुलड़ा थारा ओ(background)


अरे म्हरो केणो मोनो सायब डिमालियो मत कर जो ओ

अरे म्हरो केणो मोनो सायब डिमालियो मत कर जो ओ(background)

अरे वेरो करजो सेलवो, पानी ने आउ ओ

भरिये पनघट में

अरे वेरो करजो सेलवो, पानी ने आउ ओ

भरिये पनघट में (background)


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संबंधित प्रश्न


प्रश्न:- राजस्थान में होली कैसे मनाया जाता है?

उत्तर:- पूरे भारतवर्ष में राजस्थान की होली बहुत प्रसिद्ध है यहाँ पर अलग अलग अँचलों में अलग अलग तरह से होली मनाने का रिवाज है जैसे जयपुर के गोविंददेव मंदिर में होली का त्योहार काफी धूमधाम और जोश से मनाते हैं. मंदिर में लोग गुलाब और अन्य फूलों से होली खेलते हैं।

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलो में कोड़ामार होली खेलने की परंपरा है। शेखावाटी क्षेत्र(चूरू, सीकर, झुंझुनू) में होली पर चंग और महरी नृत्य करने की परंपरा चलती है।

इसके अलावा रोने- बिलखने  वाली होली जोधपुर मे,गोबर के कंडो की होली गलियाकोट (डूंगरपुर) मे, राड रमण की होली भिलुड़ा ग्राम (डूंगरपुर) मे,पत्थर मार होली बाड़मेर मे, तथा लठमार होली श्री महावीरजी चांदन गांव (करौली) की प्रसिद्ध है


निष्कर्ष

आशा करता हु की आपको फाल्गुन माह में चंग पर गाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय और पुराना गाना पेलो नाम लेजो सुंडाला गणपत देव रो पसन्द आया होगा। अगर आप भी राजस्थान से हो तो इस गाने को अपने दोस्तों और प्रेमियों को शेयर करे। 





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