हैल्लो दोस्तों एक बार फिर से sonofshayarii.blogspot.com पर आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन है।आज में लेकर आया हु Best Amazing poetry on Bhikhari - (भिखारी) । जैसा कि हम जानते है कि भिखारी जो मांग कर खाते है। पर दोस्त वैसा नही है। असल मे भिखारी वो होता है जो मजबूरियों के आगे हार जाए। जहाँ उसे कोई राह नजर न आये तब जाकर वो हाथ फैलाये वो ही असल भिखारी कहलाता है। इसलिए हमें भिखारियों को देना चाहिए क्योंकि वो कही न कही मजबूरियों के आगे हार कर हाथ फैलाने को मजबूर हुआ होगा। और वह बड़ी उम्मीद और आशा के साथ हमारे सामने हाथ फैलता है तो उसे हमे नाउम्मीद नही करना चाहिए। और वैसे भी कहा गया है कि आप जितनों की मदद करोगे रब,खुदा, भगवान आपकी मदद करेगा।
Best Amazing poetry on Bhikhari - (भिखारी)
जो घर घर माँगने को जाये
जो दुसरो के सामने हाथ फैलाये
क्या वो ही भिखारी कहलाये
नही वो भिखारी नही
जो दुसरो का तिरस्कार खाये
जो गिरते सम्मान को मन में ही दबाये
सही अर्थों में वो भिखारी कहलाये
क्या जो नंगा घुमे, गंदा घुमे वो भिखारी कहलाये
नही वो भिखारी नही
नंगी घूमती दुनिया मे अपनी इज़्ज़त भी ढक न पाये
वो भिखारी कहलाये
क्या जो मांग कर खाना खाये वो भिखारी कहलाये
नही वो भिखारी नही
मांगने पर भी हाथ खाली रह जाये, तब कचरे से जुठी प्लेटे चाटने को जो मजबूर हो जाये
वो भिखारी कहलाये
क्या जो रोड़ पर सोये वो भिखारी कहलाये
नही वो भिखारी नही
जो सो जाये घर की चौकी पर तो रास न आये
कर जतन जैसे तैसे उसे भगाये
और जो रोड पे सोने को मजबूर हो जाये
तरुण की तमन्ना है रब ऐसा दिन किसी को न दिखाये
और जब भी वो हाथ फैलाये, उसका हाथ खाली न जाये
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निष्कर्ष
आशा करता हु की आपको मेरी लिखी कविता Best Amazing poetry on Bhikhari - (भिखारी) आपको पसन्द आयी होगी। अगर पसन्द आये तो आप अपने दोस्तों, और रिश्तेदारों को जरुर शेयर करे। धन्यवाद