Sonofshayrii.blogspot.com ब्लॉग पर आपका तहे दिल से हार्दिक है।आप एक शायरी प्रेमी है और मेरे ब्लॉग पर आए इस बात की मुझे बहुत खुशी हुई। इस post में आपको Dhandhe wali ! धंधेवाली- एक दर्द भरी दास्तान कविता पढ़ने को मिलेगी। धंधेवाली जिसे हम वेश्या भी कहते है यह कविता उनके जीवन की एक तरह से व्यथा बयां करती है। और बताया गया है कि उनका जीवन कितना दर्द भरा होता है। और उन्हें जीवन मे कितनी यातनाओं को भोगना पड़ता है।
Dhandhe wali ! धंधेवाली- एक दर्द भरी दास्तान
बड़े सहज भाव से कह गया धंधेवाली
पर सुनता तो दास्तान ऐ ज़िन्दगी हमारी
किन्ही की मजबूरिया होगी
कोई दलालो की भेंट चढ़ी होगी
किन्ही को कागज़ के नोटों की खातिर अपने ही माँ बाप ने बेच दी होगी
खिलखिलाहट देखी होगी
पर यह नही देखा उसके पीछे हम कितना रोते
घर छुट जाते है साहब
घरो के नाम पर होते है कोठे
कोठो की पहली सीढ़ी पर ही सपने सारे टूट जाते है
किन्हें हम अपना कहे रिश्ते नाते सब रूठ जाते है
कोठो की दूसरी सीढ़ी पर मर्यादा मर जाती है
बस तन की भूख मिटाने का सामान बन कर रह जाती है
कोठो की तीसरी सीढ़ी पर करना पड़ता है इज़्ज़त का त्याग
तभी खुलते है कोठो के द्वार
फिर
सूरज को तो तस्वीरों में तखना पड़ता है
उन अंधेरो में घूंट घूंट के जीना पड़ता है
हमारी अंतरात्मा भी हमसे लड़ती है
खुद भले ही हो भूखी
पर हवसी की भूख मिटानी पड़ती है
खुद की सेज का पता नही
दुसरो की सेज सजानी पड़ती है
खुद की नींद उडा कर दुसरो की रात रंगीन करनी पड़ती है
दुनिया इज़्ज़त भी हमारी लूटती है
गलीच नाम भी हमे ही देती है
और तो और बाज़ारो में बदनाम भी हम ही को कहती है
फूलों से जैसे खुश्बू को अलग कर जाते है
चंद पैसो के बदले बेरहम दुनिया वाले जिस्म के साथ हमारी रूह को चीर जाते है
हमे गन्दी भी कहते
फिर भी हमारा भोग करते
खुद तो बने रहते है साफ़ सुथरे
और हमे वेश्या कहते
तब हमारी रूह भी रोने लगती है
जब इंसान को नरभक्षी बने देखती है
एक बात तो हमरी भी ख़ास है
हम पैसो के लिए जिस्म बेचती है
दुनिया वालो की तरह नही
जिस्म के लिए दिल नही बेचती
मोहब्बत के बाज़ारो से तो हमारा बाजार अच्छा है
यहाँ सिर्फ जिस्म बिकता है दिल नही बिकता है
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निष्कर्ष
आशा करता हु की आपको मेरी लिखी कविता पसन्द आयी होगी। आप अपना प्यार इस sonofshayrii.blogspot.com पर बनाये रखना और मेरी शायरी को अपनों को, अपने प्रेमियों को Share करते रहना धन्यवाद।
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उत्तर :- दिल्ली के कोठे में देहव्यापार का धंधा होता है। और देहव्यापार करने वाली को धंधेवाली वाली कहा जाता है